World's Last Chance

At the heart of WLC is the true God and his Son, the true Christ — for we believe eternal life is not just our goal, but our everything.

While WLC continues to uphold the observance of the Seventh-Day Sabbath, which is at the heart of Yahuwah's moral law, the 10 Commandments, we no longer believe that the annual feast days are binding upon believers today. Still, though, we humbly encourage all to set time aside to commemorate the yearly feasts with solemnity and joy, and to learn from Yahuwah's instructions concerning their observance under the Old Covenant. Doing so will surely be a blessing to you and your home, as you study the wonderful types and shadows that point to the exaltation of Messiah Yahushua as the King of Kings, the Lord of Lords, the conquering lion of the tribe of Judah, and the Lamb of Yahuwah that takes away the sins of the world.
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यहुवाह की धार्मिकता को प्राप्त करना

अपने विदाई भाषण में, यहुशूआ ने अपने शिष्यों को हिदायत दी थी “सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। जो विश्वास करें और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा।” (मरकूस 16:15)

यह क्या सुसमाचार है जो सभी मनुष्यों के लिए प्रचार किया जाना था?

पौलुस, उसके शिष्यों में से एक ने इस संदेश को प्रचार करने के लिए अभियान चलाया, पुष्ट किया कि यहुशूआ का सुसमाचार ” हर एक विश्वास करने वाले के लिए….उद्धार के निमित्त यहुवाह की सामर्थ है।” ( रोमीयो 1:16)

कैसे यहुशूआ का सुसमाचार सभी को बचाने के लिए यहुवाह की सामर्थ का प्रतिनिधित्व करता है?

खुशहाल लोगों की तस्वीर

पौलुस रहस्य को उजागर करता है: “क्योंकि उस [सुसमाचार] में यहुवाह की धार्मिकता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है कि, ‘विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा’।” (रोमियो 1:17) वे जो सुसमाचार का विश्वास करते है बचाए जायेंगे। वे जो सुसमाचार का विश्वास नहीं करते नाश किये जायेंगे।

यहुशूआ ने हमें चेताया है: “इसलिये पहिले तुम यहुवाह के राज्य की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।” (मत्ती 6:33) सुसमाचार यहुवाह की धार्मिकता को पाने का मार्ग प्रगट करता है और जब हम उसकी धार्मिकता को पा लेते है, हमें कोई घटी नहीं होगी!

“हे धर्म के जानने वालो, जिनके मन में मेरी व्यवस्था है, तुम कान लगाकर मेरी सुनो; मनुष्यों की नामधराई से मत डरो, और उनके निन्दा करने से विस्मित न हो।” (यशायाह 51:7)

 

 

“कि यहुवाह कहता है; कि जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उन से बान्धूंगा वह यह है कि मैं अपनी व्यवस्थाओं को उनके हृदय पर लिखूंगा और मैं उन के विवेक में डालूंगा…मैं उन के पापों को, और उन के अधर्म के कामों को फिर कभी स्मरण न करूंगा।” (इब्रानियों 10:16-17)

यहुवाह की धार्मिकता उसकी व्यवस्था में प्रगट हुई है। वे जो धर्मी है उसकी व्यवस्था को उनके हृदयों में पायेंगे और इस प्रकार उसके समक्ष धार्मिकता में चलने में सक्षम होंगे।

तो कैसे हम यहुवाह के कार्यों को कर सकते है? कैसे हम उसकी धार्मिकता को प्राप्त कर सकते है?

उसके पुत्र में विश्वास के द्वारा।

“उन्होंने उस से कहा, ‘यहुवाह के कार्य करने के लिये हम क्या करें?’ यहुशूआ ने उन्हें उत्तर दिया; ‘यहुवाह का कार्य यह है, कि तुम उस पर, जिसे उस ने भेजा है, विश्वास करो।’ ” (रोमियो 6:28-29)

उसके पुत्र में केन्द्रित यहुवाह के उद्धार की सामर्थ के द्वारा, हम उसके कार्यों को करने वाली जरूरी सामर्थ को प्राप्त करेंगे। दूसरे शब्दों में, हम उसकी व्यवस्था को पालन करने के लिए सामर्थ को प्राप्त करेंगे।

क्या हम कभी उसके समक्ष अपने कार्यों के द्वारा धर्मी बन सकते है?

पत्थर की दो तख्तियां

कभी नहीं।

“विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा”। (रोमियो 1:17)

यदि हम सोचते है कि यहुवाह की धार्मिकता को प्राप्त करने के लिए हमारे कार्य कोई भूमिका निभाते है, तो हम उसके सुसमाचार में कुछ जोड़ रहे है। और हमें स्पष्ट रुप से चेतावनी दी गयी है कि उसके शब्दों में कुछ न जोड़े।

उसके वचनों में कुछ मत बढ़ा, ऐसा न हो कि वह तुझे डांटे और तू झूठा ठहरे। (नीतिवचन 30:6)

वह सब जो यहुवाह अपनी धार्मिकता को हम पर प्रदान करने के उद्देश्य से चाहता है यहुशूआ के सुसमाचार में विश्वास करना है। केवल उसकी धार्मिकता ही हमें उसकी व्यवस्था का पालन करने के लिए सक्षम बनाती है। उसके सुसमाचार में हमारे अपने कार्यों का कोई स्थान नहीं है।

“हम तो सब के सब अशुद्ध मनुष्य के से हैं, और हमारे धर्म के काम सब के सब मैले चिथड़ों के समान हैं। हम सब के सब पत्ते की नाईं मुर्झा जाते हैं, और हमारे अधर्म के कामों ने हमें वायु की नाईं उड़ा दिया है”। (यशायाह 64:6)

फिर क्यों World’s Last Chance  लूनर सब्त और मरे हुओं का स्थान, दि मिलेनियम, तहकीकात संबंधी  निर्णय से सम्बन्धित सिद्धांतों पर जोर देता है…?

बाईबल के इन सिद्धांतों को समझना और मानना एक बात पर आधारित है: यहुवाह की धार्मिकता में अंतर निवास, जो केवल यहुशूआ के बचाए जाने के सुसमाचार में विश्वास के माध्यम से पाया जा सकता है।

जो पाप से अज्ञात था, उसी को उस ने हमारे लिये पाप ठहराया, कि हम उस में होकर परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएं।” (2 कुरिन्थियो 5:21)

कोई भी सुसमाचार जो यह प्रचार करता है कि उद्धार विश्वास के साथ दूसरे तत्वों को मिलाकर प्राप्त किया जा सकता है एक झूठा सुसमाचार है।

आदमी स्तुति करते हुए

सबसे अच्छी खबर जो पृथ्वी के इतिहास के अंत होने वाले इन पलो में घोषित की जा सकती है यह कि, यहुवाह की धार्मिकता हर किसी के लिए उदारता से उपलब्ध है जो विश्वास करता है कि यहुशूआ, हमारा मुक्तिदाता के रूप में, हमें उसकी व्यवस्था का पालन करने में हर समय सामर्थी बनाता है, जब हम पूरी तरह से अपने जीवन को उसे समर्पित कर देते है।

हम व्यवस्था का पालन बचाएं जाने के उद्देश्य से नहीं करते, हम व्यवस्था का पालन करते है क्योंकि हम बचाएं गये है। हाल्लेलुयाह!

जब हम उसकी व्यवस्था का पालन सामर्थी बनाने वाले अनुग्रह के द्वारा करते है, तब हम धर्मी के रूप में माने जाते है, क्योंकि उसकी व्यवस्था उसकी धार्मिकता को प्रतिबिंबित करती है, यही तो सुसमाचार का सार है, सबसे अच्छी खबर जो इन अंतिम दिनों में नाश हो रहे संसार को दी जा सकती है।

यह आश्चर्य नहीं है कि पौलुस बड़े हर्ष के साथ घोषणा कर सका:

“क्योंकि मैं यहुशूआ के सुसमाचार से नहीं लजाता, इसलिये कि वह हर एक विश्वास करने वाले के लिये यहुवाह की सामर्थ  है। क्योंकि उस में यहुवाह की धार्मिकता विश्वास से और विश्वास के लिये प्रगट होती है; जैसा लिखा है कि, ‘विश्वास से धर्मी जन जीवित  रहेगा’ ”। (रोमियो 1:16-17)

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