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पापी की आशा: ये आदमी पापियों को स्वीकार करता है!

याहुवाह के पास आने के लिए आपको तब तक इंतजार करने कि जरूरत नहीं है जब आप पाप करना छोड़ दिया हो। अब ही आ जाइए। आप जैसे हैं वैसे ही, क्योंकि वह पापियों को स्वीकार करता है!

मेरे पास एक समाचार है! सुनना चाहते हैं? क्या आप तैयार हैं?

क्या आप वाकइ मैं तैयार है?

तो अच्छी खबर यह है. . . कि . . .आप पापी है !

आदमी फोन पर बात कर रहा

शायद आप यह नहीं सुनना चाहते थे। लेकिन सच में! यह खुश खबर है, क्योंकि याहुशुआ के द्वारा, याहुवाह पापियों को स्वीकार करता है !

बस पापियों के लिए उपहार

सुसमाचार की अच्छी खबर है कि, हालांकि, पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु याहुवाह का वरदान याहुशुआ में अनन्त जीवन है। (देखिए रोमियों ६:२३)। याहुवाह चाहते हैं कि सब बचे लेकिन सच्चाई यह है कि, याहुशुआ केवल पापियों के लिए मर गए। हर मसीही जानता है कि सब ने पाप किया है और याहुवाह की महिमा से रहित हैं। इसलिए, हम यह मान लेते हैं कि वह सब के लिए मर गए। जबकि, याहुशुआ केवल पापियों के लिए मर गए।

यह शायद तुच्छ लग सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है। याहुशुआ के समय के फरीसियों ने स्व-घोषित धार्मिकता पर गर्व किया। याहुशुआ मत्ती को चेला बनने के लिए बुलाने के बाद, मत्ती ने उद्धारकर्ता के लिए एक दावत दिया जिसमें उसने कई महसूल लेने वाले और अन्य लोगों को भी बुलाया था।

इस पर फरीसी और उनके शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे,

“तुम चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?”

याहुशुआ ने उनको उत्तर दिया, “वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये आवश्यक है। मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ।”
(देखिए लूका ५:३०-३२; HINDI-BSI)

दूसरे शब्दों में, याहुशुआ कह रहे थे, “अगर तम्हें मेरी आवश्यकता नहीं हैं, तो जान लो मैं तुम्हारे लिए नहीं आया। मैं पापियों के लिए आया हूँ।”

मसीही आज बड़ी आसानी से पापी होने को स्वीकारते हैं। लेकिन कितने लोग सही अर्थ में इसको बोलते हैं? कितने लोग ऐसे बोलते हैं क्योंकि बस उनसे यह कहने कि उम्मीद है? सच यह है, कई मसीही अपने आप को दूसरों के साथ तुलना करते हैं, और दूसरों कि कमियाँ ढूँढते हैं। “हाँ” कहते वो, “मैं पापी हो सकता हूँ, लेकिन . . . मैं वहाँ रहने वाले व्यक्ति जैसे नहीं हूँ। मैं अपने खाने कि खयाल रखता/रखती हूँ: मैं ज्यादा मिठास नहीं खाता/खाती हूँ, और सुअर की माँस तो कभी मेरे ओंठ के पास तक भी आया नहीं है। हाँ, शायद मैं ज्यादा चलचित्र देखता/देखती हूँ, लेकिन जो मूवीज़ मैं देखता/देखती हूँ उसमें मार-पीठ ज्यादा नहीं होती, और नग्न चलचित्र तो मैं देखता/देखती ही नहीं। मसीही के साथ के रिश्ते में मैं काफी अच्छा कर रहा/रही हूँ!”

घमण्डी

और इस तरह दूसरों के साथ अपने आप की तुलना करके, वे खुद ही निर्णय करते हैं कि उनका अपना पाप सच में उतना बुरा नहीं है।

याहुशुआ पापियों को बचाने के लिए मर गए। याहुवाह उनको बचाना चाहते हैं जो अपने पाप को ठुकराते हैं पर वे मसीह को स्वीकार नहीं करते। सिर्फ पापी मसीह के पास आ सकते हैं। अपने आप को धार्मिक समझने वाले नहीं आ सकते, क्योंकि, याहुशुआ के पास आने के लिए पहले उनको कबुल करना होगा कि वे पापी हैं और उद्धारकर्ता की आवश्यकता है। अपने आप को धार्मिक समझने वाला व्यक्ति सोचता है कि उसमें कोई पाप नहीं है, तो किस बात से पश्चताप करना है? सिर्फ वो व्यक्ति जो कबुल करता है कि वह पापी है और वो खुद को बचा नहीं सकता, विश्वास से उद्धार के लिए याहुशुआ कि योग्यता पर भरोसा करता है। इसलिए, याहुशुआ कि मृत्यु सब के लिए होने के बावजूद, याहुवाह सिर्फ पापियों को स्वीकार करता है।

बुरी खबर का प्रोत्साहन!

कोई भी यह स्वीकार करना पसंद नहीं करता है कि उसके आंतरिक विचार कितने भ्रष्ट हैं या उसने कितनी बार पश्चाताप किया है, लेकिन फिर भी एक ही पाप को बार-बार किया। लेकिन अगर आप पापी हैं, यह अच्छी खबर है! अगर याहुवाह पापियों को स्विकार करता है, वह आपको भी स्वीकार करेगा! याहुवाह सिर्फ उन्हें स्वीकार नहीं करता जो सिर्फ अपने होंठ से कबुल करते हैं कि वे पापी हैं बस इसलिए क्योंकि उनसे ऐसे कहने कि उम्मीद की जा रही। लेकिन उन सब के लिए जो सच में पापी हैं, जो खोया हुआ और निराश महसूस करते हैं, याहुवाह उनको स्वीकारेगा।

दुखी आदमी

पापियों को याहुवाह के पास उद्धार के लिए आने की प्रोत्साहन करने के लिए याहुशुआ ने एक दृष्टान्त बताया जो स्वीकार किए जाने के शर्तों अच्छे से दर्शाते हैं।

और वह यह दृष्टान्त कहा उनके लिए जो अपने आप पर विश्वास करते हैं और खुद को धार्मिक मानते हैं और दूसरों को तुच्छ मानते हैं: “दो मनुष्य मन्दिर में प्रार्थना करने के लिये गए; एक फरीसी था और दूसरा चुंगी लेनेवाला। फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, ‘हे याहुवाह, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरे मनुष्यों के समान अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेनेवाले के समान हूँ। मैं सप्‍ताह में दो बार उपवास रखता हूँ; मैं अपनी सब कमाई का दसवाँ अंश भी देता हूँ।’ “परन्तु चुंगी लेनेवाले ने दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आँखें उठाना भी न चाहा, वरन् अपनी छाती पीट-पीटकर कहा, ‘हे याहुवाह, मुझ पापी पर दया कर!’ मैं तुम से कहता हूँ कि वह दूसरा नहीं, परन्तु यही मनुष्य धर्मी ठहराया जाकर अपने घर गया; क्योंकि जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह छोटा किया जाएगा; और जो अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा। ” (लूका १८:१०-१४; HINDI-BSI)

शायद आप भय से भरे हुए हैं। आप सोच सकते हैं कि आप बहुत गिरे हुए हैं, या एक ही पाप बहुत बार किए की आप माफी के लायक नहीं हैं। लेकिन अगर ऐसा है, आप ही वह व्यक्ति है जिसे याहुवाह पुकार रहे हैं! जब तक आप अपने जीवन में पाप पर विजय प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक आपको यहुवाह से दूर रहने की आवश्यकता नहीं है। आप जैसे हैं, वैसे ही आ सकते हैं, वह आपको स्वीकार करेगा।

आपके लिए याहुवाह का निमंत्रण है : “हे भटकनेवाले बच्चों, लौट आओ, मैं तुम्हारा भटकना सुधार दूँगा। देख, हम तेरे पास आए हैं; क्योंकि तू ही हमारा परमेश्वर यहोवा है। (यिर्मयाह ३:२२; IRV-HIN) जितना कम और अधिक असहाय आप स्वयं को जानते हैं, उतना ही अधिक आप विश्वास कर सकते हैं कि वह आपको स्वीकार करेगा क्योंकि उसने कहा कि वह करेगा: ” जो कोई मेरे पास आएगा उसे मैं कभी न निकालूँगा।” (यूहन्ना ६:३७; HINDI-BSI)

याहुवाह के पास आने के लिए और प्रतिक्षा न करें। याहुवाह के पास आने कि इच्छा जो आपके हृदय में है, उन्होंने खुद आपके दिल में वो इच्छा डाली है। आप निश्चय ही विश्वास कर सकते हैं कि याहुवाह आपको स्वीकार करेगा क्योंकि उन्होंने आपसे पहले कई और लोगों को स्वीकारा है: पियक्‍कड़ : नूह, व्यभिचारी और हत्यारा : दाऊद, वेश्या: राहाब, हत्यारा : मूसा . . . . . सब याहुशुआ में माफी किए और स्वीकारे गए।

आप निश्चय विश्वास कर सकते हैं कि याहुवाह आपको स्वीकार करेगा क्योंकि याहुशुआ की मृत्यु इसलिए नहीं हुई, की आप नष्ट हो जाओ।

प्रिय में स्वीकार किया गया

हमें तुच्छ महसूस करना अच्छा नहीं लगता। हमे अपने पाप को महसूस करना पसंद नहीं आता। लेकिन खुश खबर यह है कि, याहुशुआ की मृत्यु पापियों को बचाने के लिए हुई है। इसका अर्थ यह है कि, अगर आप पापी हैं, वह आपके लिए मर गए!

पर फरीसी और शास्त्री शिकायत किए, “यह तो पापियों से मिलता है और उनके साथ खाता भी है।” (लूका १५:२; HINDI-BSI)

पानीक्या आप पापी हो? तो जान लीजिए वो आपके लिए मर गया। अपने पाप को नजर-अन्दाज मत करिए। स्वीकार करें।

आपको उद्धारकर्ता से दूर रहने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप पापी हैं। दूर मत रहिए क्योंकि आप बाइबिल विद्वान नहीं है। दूर मत रहिए क्योंकि आप शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं कि याहुवाह आपको माफ करने के बाद भी आपने फिर से सारी पुरानी गलतीयाँ किया है। आप जैसे हैं वैसे ही पिता के पास आइए।

चाहे आपके द्वारा किए गए पापों की मात्रा की कोई सीमा न हो, फिर भी याहुवाह आपको स्वीकार करेगा और आपको क्षमा करेगा। याह का प्रेम और अनुग्रह असीमित है!

क्या आप अपराध बोध के बोझ तले संघर्ष कर रहे हैं? क्या शैतान आप पर आपकी अयोग्यता के प्रति जागरूकता का दबाव डाल रहा है? उसके लिए याह की स्तुति करो क्योंकि तुम वही हो जिसके लिए उसने अपना एकलौता पुत्र दिया।

आप कभी भी ऐसा कुछ कर ही नहीं सकते जिसके कारण याहुवाह आपसे अपना मँह मोड लें। केवल एक चीज जो कभी भी रास्ते में आ सकती है वो आपकी निज़ी पसंद है। तो चुनाव करें! विश्वास के हाथ को आगे बढ़ाए और वादे को पकड़े! उद्धार आपका है। आपको बस इतना करना है कि इसे विश्वास से स्वीकार करें।

आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले। (प्रकाशितवाक्य २२:१७; HINDI-BSI)

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